पंचम आरा

 पांचवां आरा  - दुषमा काल

१. चौथा आरा पूर्ण  होने पर कौनसा आरा लगता है?

१. उत्तर:- पांचवां आरा ।


२. पांचवां आरा किस नाम से जाना जाता है?

२. उत्तर:-  दुषमा काल ।


३. पांचवां आरे के मनुष्यो को कितने संहनन होते है ?

३. उत्तर:- छहों संहनन ।


४. पांचवां आरे के मनुष्यो को कितने संस्थान होते है ?

४. उत्तर :- छहों संस्थान ।


५. पांचवां आरे के मनुष्यो का कालमान कितने  है ?

५. उत्तर:- २१ हजार वर्ष प्रमाण।


६. पांचवें आरे की शुरुआत में मनुष्यो की अवगाहना  कितनी होती है ?

६. उत्तर:- सात हाथ की।


७. पांचवें आरे की शुरुआत में मनुष्यो की आयु कितनी होती है ?

७. उत्तर :- जघन्य-अन्तमुहूर्त,उत्कृष्ट -१०० वर्ष।


८. पांचवें आरे की शुरुआत में मनुष्यो की शरीर में पंसलियां कितनी होती है ?

८. उत्तर:- १६ पंसलियां।


९. पांचवें आरे के मनुष्य कितनी गतियोँ में जा सकते है ?

९.उत्तर:- चारों गतियोँ में गमनागमन करते है।


१०. क्या पांचवें आरे में मोक्ष जा सकते है ?

१०. उत्तर:- नहीं, पांचवें आरे के जन्मे हुये  मोक्ष नहीं जा सकते है ।


११. कौन से मनुष्य पांचवें आरे में मोक्ष जा सकते है ?

११. उत्तर:- चौथे आरे के मनुष्य पांचवें आरे में मोक्ष जा सकते है ।


१२. चौथे आरे के जन्मे हुये पांचवें आरे में मोक्ष कौनगये?

१२. उत्तर:- गौतम स्वामी,सुधर्मा स्वामी,जंबूस्वामी।


१३. गौतम स्वामी को केवलज्ञान किस आरे में कब हुआ?

१३. उत्तर:- जिस रात्रि प्रभु महावीर स्वामी का निर्वाण हुआ।उसी रात्रि अर्थात चौथे आरे के ३वर्ष साढे आठ माह                         शेष रहते हुये गौतम स्वामी को चौथे आरएम केवलज्ञान हुआ।


१४.गौतम स्वामी कोनसे आरे में मोक्ष गये ?

१४. उत्तर:- पाँचवे आरा में।


१५.सुधर्मा स्वामी को किस आरे में केवलज्ञान हुआ?

१५. उत्तर:-पाँचवे आरा में।


१६.सुधर्मा स्वामी को किस आरे में मोक्ष  पधारे ?

१६.उत्तर:-पाँचवे आरा में।


१७.किस गुरु शिष्य को पांचवें आरे में केवलज्ञान हुआ?

१७.उत्तर:-गुरु-सुधर्मा स्वामी,और जम्बूस्वामी-शिष्य ।


१८.कौनसे गुरु शिष्य  पांचवें आरे में मोक्ष गये ?

१८. उत्तर:- गुरु-सुधर्मा स्वामी,और जम्बूस्वामी-शिष्य मोक्ष पधारे।


१९. क्या जम्बूस्वामी के पश्चात कोई और आत्माएँ भरत क्षेत्र से मोक्ष गए?

१९. उत्तर:- नहीं।


२०. भगवान महावीर स्वामी मोक्ष पधारे तब चौथे आरे का कितना समय अवशेष था?

२०. उत्तर:- तीन वर्ष साढे आठ माह।


२१.भगवान महावीर स्वामी मोक्ष पधारने के पश्च्यात केवलज्ञान का  समय कितने बर्ष तक रहा ?

२१. उत्तर:- ६४ वर्ष तक।


२२. जम्बूस्वामी के मोक्ष गमन के साथ ही जिनशाशन में क्या कमी हुई?

२२. उत्तर:- दस बोलो का विच्छेद हुआ।


२३. कौन-कौन से दस बोलो का विच्छेद हुआ?

२३. उत्तर:- 

१. केवलज्ञान

२. मनःपर्यवज्ञान

३. पर्मावधिज्ञान

४. परिहार विशुद्धि चरित्र

५. सूक्ष्म संपराय चरित्र

६. यथाख्यात चरित्र

७. पुलाक लब्धि

८.आहारक लब्धि

९. क्षपक श्रेणी और उपशम श्रेणी

१०. जिनकल्प स्थिति।


२४.पांचवें आरे में मिट्टी  का स्वाद कैसा होता है ?

२४ उत्तर:- कहीँ - कहीँ नमक जैसा खारा होता है।


२५ .पांचवें आरे में मिट्टी  का स्पर्श कैसा होता है ?

२५. उत्तर:-कठोर होता है,कंटक आदि विशेष होते है।


२६. पांचवें आरे में भूमि का स्वाभाव कैसा होता है ?

२६. उत्तर :- भूमि में समरसता थोड़ी होती है और रस  में मधुरता कम होती है।


२७. पांचवें आरे में मानवों में क्या परिवर्तन होगा ?

२७. उत्तर:- आपसी स्नेह कम रहेगा, राजाओं में न्याय कम होगा।


२८. पांचवें आरे में वर्षा कैसी होगा ?

२८. उत्तर :- वर्षा कम होगी,बरसात होगी तोह फसल होगी,बरसात नहीं होगी तो फसल नहीं होगी। खेत की एक                         पाली भर पानी बरसेगा तो दुसरी पाली सुखी रहेगी।


२९. पांचवें आरे के अन्तिम में मनुष्यों की स्थिती कितनी रहेगी  ?

२९. उत्तर:- २० वर्ष की।


३०.पांचवें आरे के अन्तिम में मनुष्यों की अवगाहना कितनी रहेगी  ?

३०. उत्तर:- एक हाथ की।


३१. पांचवें आरे के अन्तिम में मनुष्यों के पसलियां कितनी रहेगी?

३१. उत्तर:- ८ पंसलिया होगी।


३२.पांचवें आरे के अन्तिम में मनुष्यों की आहारेच्छा कैसी होगी ?

३२. उत्तर:- अनियमित होगी।


३३. पांचवें आरे में नगर कैसे होंगे ?

३३. उत्तर:- पंचम आरे में धीरे-धीरे समय बीतने पर नगर गाँव जैसे होंगे।


३४. पांचवें आरे में कुटुम्ब परिवार कैसा होंगे ?

३४. उत्तर:- कुटुम्ब परिवार वैरी जैसा होगा।


३५. पांचवें आरे में गाँव कैसे होंगे ?

३५. उत्तर:- गाँव श्मशान जैसा होगा।


३६. पांचवें आरे में राजा कैसे होंगे ?

३६. उत्तर:- यम जैसा होंगे।


३७.पांचवें आरे में प्रधान कैसे होंगे ?

३७. उत्तर:- प्रधान आदि राजकर्मचारी रिश्वतखोर होगें ।


३८.पांचवें आरे में ऊँच कुल की बहु बेटी कैसे होंगे ?

३८. उत्तर:- लज्जाहीन होगी।


३९. पांचवें आरे में बहु बेटियों कैसे होंगे ?

३९. उत्तर:- कई ऊँच घराने की बहु बेटियां वेश्या जैसी होगी।


४०. पांचवें आरे में पुत्र - पुत्री कैसे होंगे ?

४०. उत्तर:- पुत्र-पुत्री स्वच्छन्द होगें।


४१. पांचवें आरे में शिष्य-शिष्या कैसे होंगे?

४१. उत्तर:- शिष्य-शिष्या गुरु के प्रत्यनीक (शत्रु ) होगें , कलह करने वाले होगें।


४२.पांचवें आरे में सुखी कौन होंगे?

४२. उत्तर:- दुर्जन लोग सुखी होगें , उनके घर में बहुत धन होगा।


४३. पांचवें आरे में दुःखी कौन होंगे?

४३. उत्तर:- सज्जन लोग दुःखी होगें , उनके घर में धन कम होगा।


४४. पांचवें आरे में किसका भय रहेगा ?

४४. उत्तर:-स्वचक्री -परचक्री का भय रहेगा , जैसे हिन्दुस्तान पाकिस्तान को एक दूसरे से भय है।


४५ पांचवें आरे का समय कैसा रहेगा ?

४५. उत्तर:- दुर्भिक्ष एवं अकाल बहुत पड़ेंगे।


४६. पांचवें आरे में जानवर कैसी प्रकृति के होंगे ?

४६. उत्तर:-दुष्ट सर्प आदि बहुत होगें। सिंह,बाघ,चिता आदि हिंसक प्राणी अधिक होगें।


४७. पांचवें आरे में ब्राम्हण कैसे होंगे ?

४७. उत्तर:- ब्राह्मण धन के लोभी होगें।


४८. पांचवें आरे में साधू कैसे होंगे ?

४८. उत्तर:-साधू गुरुकुल को छोड़कर अन्य स्थानों पर जायेंगे।


४९.पांचवें आरे में धर्म की क्या स्थिति होगी?

४९. उत्तर:- धर्म की मन्दता रहेगी,कषायों से कुलषित रहेगा।


५०.पांचवें आरे में कौनसी दृष्टि वाले जीव होगें ?

५०. उत्तर:- सम्यग्दृष्टि थोड़े मिथ्यादृष्टि बहुत होगें।


५१. पांचवें आरे में क्या दुर्लभ होंगे ?

५१. उत्तर:- मनुष्य को देव दर्शन दुर्लभ होगें।


५२. पांचवें आरे में किसका प्रभाव कम होगा ?

५२. उत्तर:- विद्या मंत्र का प्रभाव कम होगा।


५३. पांचवें आरे में कौनसे क्षेत्रो की कमी रहेगी?

५३. उत्तर:- साधुओं के मास कल्प योग्य क्षेत्र कम होगें।


५४. पांचवें आरे में शारीरिक बल कैसे होंगा ?

५४. उत्तर:- बल,धन,आयुष्य थोडा होगा,मनुष्य निर्बल होगें।


५५. पांचवें आरे में गुरु-शिष्य को ज्ञान कैसे देगें ? 

५५. उत्तर:- गुरु अपने शिष्यों को कम ज्ञान देगें।


५६. पांचवें आरे में क्या सभी साधु-साध्वी क्रिया पात्र होगें ?

५६. उत्तर:-नहीं,श्रमण-साधु कम होगें,मस्तक मुंडाने वाले वेशधारी अधिक होगें।


५७. पांचवें आरे में शाशन व्यवस्था कैसी होगी ?

५७. उत्तर:- आचार्यो के अलग-अलग गच्छ होगें,और उनकी समाचारी अलग-अलग होगें। 


५८. पांचवें आरे में धीरे-धीरे क्या कम होते जायेंगे ? 

५८. उत्तर:- रत्न,जवाहरात,सोना,चांदी आदि कीमती धातुएं कम होगी।


५९. पांचवें आरे में आगे जाकर पैसे कैसे होंगे ?

५९. उत्तर:-कुछ समय और बीतने के बाद चमड़े के सिक्के चलेंगे ।


६०. पांचवें आरे में आगे जाकर उपवास का तपस्वी क्या कहलायेगा? 

६०. उत्तर:- वह मासखमण की तपस्या करने वाले की तरह तपस्वी कहलायेगा।


६१. पांचवें आरे में किसकी हानि होती जायेगी ? 

६१. उत्तर:- श्रुतज्ञान की धीरे-धीरे हानि होती जायेगी । 


६२. पांचवें आरे के अन्त में कितना श्रुत बचेगा ?

६२. उत्तर:- पांचवें आरे के अन्त में दशवैकालिक सूत्र के चार अध्ययन रहेंग।


६३. पांचवें आरे के अन्त में कितने जीव एकभवावतरी होगें ?

६३. उत्तर:- चार जीव।


६४. पांचवें आरे के अन्त में एकभवावतरी कौन-कौन होगें ?

६४. उत्तर:- एक साधु,एक साध्वी,एक श्रावक,एक श्राविका। 


६५. चारो एकभवावतरी आत्माओं के नाम क्या-क्या होगें ?

६५. उत्तर:- साधु -दुप्पसह नामक आचार्य,साध्वी- फाल्गुनी नामक साध्वी, श्रावक-नागिल नामक श्रावक , श्राविका-                    नागश्री नामक श्राविका।


६६. पांचवें आरे समाप्त होता जानकर ये चारों आत्माएं क्या करेगी ?

६६. उत्तर:- चारों आत्माएं आलोचना प्रतिक्रमण कर निःशल्य होकर संथारा करेगी।


६७. चारों आत्माएं संथारा पूर्ण करके कहाँ उत्पन्न होगें ?

६७. उत्तर:- चारों आत्माएं संथारा पूर्ण करके यहाँ से काल करके पहले सौधर्म नामक देवलोक में उत्पन्न होगे 


६८. चारों आत्माएं देव भव,देवआयु, देव स्थित आदि का क्षय करके कहाँ उत्पन्न होगें ?

६८. उत्तर:- पहले देवलोक से देव भव,देवआयु,देव स्थिति का क्षय करके काल के अवसर पर काल करके                     महाविदेह क्षेत्र के आढ्य कुल में उत्पन्न होगें ।


६९. महाविदेह क्षेत्र में ये चारों आत्माएं क्या करेगें? 

६९. उत्तर:-संयम अंगीकार करके सम्पूर्ण कर्मो को क्षय कर मोक्ष प्राप्त करेगें।


७०. पांचवें आरे के अन्तिम दिन के प्रथम प्रहर में किसका विच्छेद होगा ?

७०. उत्तर:- जैन धर्म का।


७१. पांचवें आरे के अन्तिम दिन के द्वितीय प्रहर में किसका विच्छेद होगा ?

७१. उत्तर:- अन्य धर्म का विच्छेद होगा।


७२. पांचवें आरे के अन्तिम दिन के तॄतीय प्रहर में किसका विच्छेद होगा ?

७२. उत्तर:- राज्य धर्म का विच्छेद होगा।


७३. पांचवें आरे के अन्तिम दिन के चतुर्थ प्रहर में किसका विच्छेद होगा ?

७३. उत्तर:- (बादर) अग्नि का विच्छेद होगा।


७४. पांचवें आरे के अन्तिम दिन किसका आसन चलायमान होता है ?

७४. उत्तर:- शक्रेन्द्र का।


७५. पांचवें आरे के अन्तिम दिन शक्रेन्द्र का आसन चलायमान क्यों होता है ?

७५. उत्तर:- क्योंकि भरत क्षेत्र की धरती पर शक्रेन्द्र का अधिकार है, दक्षिणार्ध् लोकधिपति होने से आसन कंपित             होता है


७६. शक्रेन्द्र भरत क्षेत्र में आकर क्या करेंगे?

७६. उत्तर:- आकाशवाणी करेंगे।


७७. आकाशवाणी करके क्या कहेंगे ? 

७७. उत्तर:- हे!लोगोँ ! कल छठा आरा लगने वाला है ! सावधान हो जावों! धर्म कार्य करना हो तो कर लो! 


७८. इस प्रकार इन्द्र की वाणी सुनकर लोग क्या करेंगे?

७८. उत्तर:-धर्मात्मा पुरुष ममत्व का त्याग करके अनशन व्रत संथारा ग्रहण करेंगे और समाधिस्थ हो जायेंगे।


७९. पांचवें आरे के अंतिम दिन कौनसी वायु चलेगी? 

७९. उत्तर:- संवत्तर्क वायु चलेगी। 


८०. संवत्तर्क वायु कैसी होगी?

८०. उत्तर:- महाभयंकर, प्रलयंकरी,धूल से मलीन, दृविसह,व्याकुल,आकुलता पूर्ण भयंकर वायु चलेगी।


८१. संवत्तर्क वायु क्या उत्पात करेगी? 

८१. उत्तर:- वह वायु तृण,काष्ट, समस्त पर्वत (वैताढ़य को छोड़कर) किले, महल,घर,वृक्ष आदि सब टूट-टूट कर            भूमिसात कर देगी, ऐसे विविध उत्पात मचाने वाली वह वायु होगी।


८२. उस काल में दिशाएं कैसी होगी?

८२. उत्तर:-अभिक्षण =क्षण-क्षण पुनः धुवां छोड़ती रहेगी,वे सर्वथा रज से भरी होगी ,धूल से मलीन होगी,घोर                    अंधकार के कारण प्रकाश से शून्य हो जायेगा।


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