आदिनाथ दादा
भगवान ऋषभदेव जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर हैं। तीर्थंकर का अर्थ होता है जो तीर्थ की रचना करें। जो संसार सागर (जन्म मरण के चक्र) से मोक्ष तक के तीर्थ की रचना करें, वह तीर्थंकर कहलाते हैं। ऋषभदेव जी को आदिनाथ भी कहा जाता है। भगवान ऋषभदेव वर्तमान अवसर्पिणी काल के प्रथम तीर्थंकर हैं। अन्य नाम आदिनाथ, ऋषभनाथ, वृषभनाथ शिक्षाएं अहिंसा, अपरिग्रह अगले तीर्थंकर अजितनाथ गृहस्थ जीवन वंश - इक्ष्वाकु पिता - नाभिराज माता - महारानी मरूदेवी पुत्र - भरत चक्रवर्ती, बाहुबली और वृषभसेन, अनन्तविजय,अनन्तवीर्य आदि 98 पुत्र पुत्री - ब्राह्मी और सुंदरी पंचकल्याणक जन्म - १०२२४ वर्ष पूर्व जन्म स्थान - अयोध्या मोक्ष - माघ कृष्ण १४ मोक्ष स्थान - अष्टापद पर्वत लक्षण रंग - ...