Posts

Showing posts from March, 2023

तीर्थंकर के शासन रक्षक देव देवी

 क्र० तीर्थंकर शासन देव शासन देवी 0१ श्री ऋषभनाथ -  गोमुख देव चक्रेश्वरी देवी 0२ श्री अजितनाथ - महायक्ष देव रोहिणी देवी 0३ श्री संभवनाथ - त्रिमुख देव प्रज्ञप्तिदेवी 0४ श्री अभिनंदननाथ - यक्षेश्वर देव व्रजश्रृंखला देवी 0५ श्री सुमतिनाथ - तुम्बरू देव पुरुषदत्ता देवी 0६ श्री पद्यप्रभु - कुसुमदेव मनोवेगा देवी 0७ श्री सुपार्श्वनाथ - वरनन्दि देव काली देवी 0८ श्री चंद्रप्रभु - विजय देव ज्वालामालिनी देवी 0९ श्री सुविधिनाथ - अजित देव महाकाली देवी 1० श्री शीतलनाथ - ब्रह्मेश्वर देव मानवी देवी 1१ श्री श्रेयांसनाथ - कुमार देव गौरी देवी 1२ श्री वासुपूज्य - षणमुखदेव गांधारी देवी 1३ श्री विमलनाथ - पाताल देव वैरोटी देवी 1४ श्री अनंतनाथ - किन्नर देव अनंतमती देवी 1५ श्री धर्म नाथ - किंपुरुष देव मानसी देवी १६ श्री शांतिनाथ - गरुड़ देव महामानसी देवी १७ श्री कुंथुनाथ - गंधर्व देव जया देवी १८ श्री अरहनाथ महेंद्र देव विजया देवी १९ श्री मल्लिनाथ - कुबेर देव अपराजितादेवी २० श्री मुनिंसुव्रतनाथ  - वरुण देव बहुरूपिणी देवी २१ श्री नमिनाथ - विधुत्प्रभ देव चामुण्डी देवी २२ श्री नेमिनाथ - गोमेध (श्वेताम...

समय

 १. समय किसे कहते है ? काल का अत्यंत सूक्ष्म अंश, जिसका केवली के ज्ञान में भी विभाग न हो सके, उसे समय कहते है। २. समय की सूक्ष्मता कैसे समजाये? आंख मींच कर खोलने में असंख्यात समय व्यतीत हो जाते है। उन असंख्यात समय की एक आवलिका होती है।  समय की सूक्ष्मता को इस उदाहरण के द्वारा भी समझ सकते है। जैसे अति जीर्ण वस्त्र को त्वरा से फाड़ने पर एक तंतू से दुसरे तंतू को फटने में जो समय लगता है, वह भी असंख्य समय प्रमाण है। ३. पक्ष किसे कहते है? पन्द्रह दिनो को १ पक्ष कहते है। ४. पक्ष कितने प्रकार के होते है? पक्ष दो प्रकार के होते है, १. शूक्ल पक्ष और २. कृष्ण पक्ष। ५. मांस किसे कहते है? पक्ष अथवा ३० अहोरात्र का एक मास होता है। ६. अहोरात्र किसे कहते है? दिन और रात को अहोरात्र कहते है। ७. एक अहोरात्र में कितनी घडी होती है? एक अहोरात्र में साठ घडी (२४ घंटे या ३० मूहुर्त) होती है। ८. एक घडी का परिमाण कितना होता है? एक घडी का परिमाण २४ मिनीट का होता है। ९. एक मूहुर्त में कितनी घडी होती है? एक मूहुर्त में दो घडी होती है। १०. एक वर्ष में कितने मास होते है? एक वर्ष में १२ मास होते है। ११. एक वर्...

तीर्थंकर

  -  14 राजलोक में उत्कृष्ठ और जघन्य कितने तीर्थंकर होते है ?  -  तीर्थंकर कर्मभूमि में ही होते है। उनके अलग - अलग विभाग को विजय       कहेते   है। ऐसे 1 विजय  में    काल में 1 ही तीर्थंकर होते है। - जंबुद्वीप के महाविदेह क्षेत्र में 32 " विजय" है। भरत क्षेत्र में 1 " विजय" है ,   और ऐरावत क्षेत्र में 1  " विजय" है इसलिये सब मिलकर 34 " विजय"  है,    घातकीखंड जंबुद्वीप से  2 गुना है ,  इसलिये  घातकीखंड में 68 " विजय "   है,  अर्धपुष्करावर्त खंड भी घातकी खंड जितना है , इसलिये वहाँ भी 68    " विजय" है। पुष्करावर्त का बाकी का भाग मनुष्य क्षेत्र से बहार है ,  इसलिये     वहाँ "विजय" की  गिनती नहि होती। -  जंबुद्वीप में 34 विजय   घातकीखंड में 68 विजय   अर्धपुष्करावर्त में 68 विजय -  सभी मिलाकर 170 विजय होते है। -  जिस काल में दरेक क्षेत्र में तीर्थंकर होते है , वो काल में तीर्थंकर की उत्कृष्ट   संख्या 170 की होती है। ...